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प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम,2016 नया मॉनिटरिंग पहलू

केंद्रीय सरकार नें प्लास्टिक कचरा कें ल क नियम कड़ा केलकय .प्लास्टिक कैरी बैग कें न्यूनतम मोटाई 40 माइक्रॉन सं बढ़ा कं 50 माइक्रॉन करय दं गेल छै. सरकार नें पूर्ववर्ती प्लास्टिक कचरा (प्रबंधन एवं संचालन) नियम 2011 कें दरकिनार करय ओकर स्थान पर प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम 2016

अधिसूचित कनय छै. पर्यावरण , वन आ जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री श्री प्रकाश जावेकड़ जे कहल किन्ह कि प्लास्टिक कैरी बैग कें न्यूनतम मोटाई 40 माइक्रॉन सं बढ़ा कं 50 माइक्रॉन कर देल गेल छै. हुनकर कहनाय छैन कि हर दिन 15000 टन प्लास्टिक कचरा सृजित होय छै. जइ मे सं 9000 टन कें एकत्र एवं प्रोसस केल जाय छै. मुदा 6000 यन प्लास्यिक कचरा कें एकत्र नहि केल जा रहल छै. श्री जावेकड़ सें हों कहल किन इ जे नियम पहिले नगर नियम कें क्षेत्रक तंक हीं स्वीकार्य छलय. ओकरा हरेक गांव मे बढा देल गेलय छै.नया प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियमक कें अधिसूचित करनाय समस्त कचरा प्रंबधन नियमक मे बदलाव कें एकटा हिस्सा छै.

मसौदा नियमक अर्थात प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम 2015 कें भारत सरकार दूवारा भारत कें राजपत्र मे प्रकाशित केल गेल छलय . एकरा लेल जीएसआर 423 (ई) दिनांक 25 मई 2015 कें देखूं. प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम ,2016 कें उद्देश्य इ अछि. :

  • प्लास्टिक कैरी बैग कें न्यूनतम मोटाई कें 40 माइक्रोन सं बढ़ा क करय 50 माइक्रॉन करनाय.
  • नियमक पर अमल कें दायरा कें नगरपालिका क्षेत्र सं बढ़ा कं ग्रामीण क्षेत्रक तइक करय देनाय,क्या किं प्लास्टिक ग्रामीण क्षेत्रक मे सें हों पहुंच गेल छै.
  • प्लास्टिक कैरी बैग कें उत्पादक ,आयतक एवं एकरा बेचय वाला वेंडरक कें पूर्व पंजीकरण कें माध्यम सं प्लास्टिक कचरा प्रबंधन शाुल्क कें इकट्ठा कें शुरूआत करनाय.

सरकार नें प्लास्टिक कचरा कें ल क नियम कड़ा केलकय

केंद्र सरकार जे छै सें प्लास्टिक कचरा सं निपटय कें लेल पॉलीथीन कें थैलियक कें नतयूतम मोटाई 50 माइक्रोन निर्धारित करय देनय छै. अइ सं कम माइक्रोन थैलियक कें बिक्री आ इस्तेमाल कें प्रतिबंधित केल गेल छै. पहिले एकर सीमा 40 माइक्रोन राखल गेल छैलय . ना नियम कें लागू हुअ कें बाद पॉलीथीन कें थैलियक , कैरी बैग आदी कें दाम 20 प्रतिशत तयक बढ़तय.

नया नियम मे इ सें हो प्रावधान केल गेल छै कि प्लास्टिक थैलियक आ कैरी बैग कें निर्माण करय वाला कें जिम्मेदारी ओकर कचरा सें हों एकत्र करय कें होयत. अइ कें लेल सबटा उत्पादकक या विदेश सं ऐहन साम्रगी आयत करय वाला कें लेल कें राज्यक मे पंजीकरण करवाय कें होयत. ओकरा अपन कचरा प्रबंधन तंत्र खडा करय कें होयत. ओकरा अइ कें लेल शुल्क सें हों भरय कें होयत. मकसद स अइ कि इ थैलियक कें दाम बढय आ फूटकर विक्रेता सें हो उपभोक्ता कें इ थैलियां देवय कें समय शुल्क वसूलय ताकी लोग एकर इसतेमाल करनाय छाड़य देय.

नया नियमक मे प्लास्टिक थैलियक , कैरी बैग, आ पैकेंजिग सामग्री पर ओकर निर्माता कें नाम पता दर्ज करनाय अनिवार्य होयत. बिना नाम पता वाला प्लास्टिक थैलियक कें बिक्री गैरकानुनी होयत. अइ प्रकार दुकानक कें लेल सें हों प्रावधान केल गेल छै कि ओ ऐहन थैलियक कें इस्तेमाल सामान बेचय कें लेल नहि करय.

अइय नियमक मे जनता कें सें हों जवाबदेह बनावय कें कोशिश केल गेल छै . यदि कोनों समारोह कें आयोजन करय छै तं ओई दौरान उत्पन्न हुअ वाला प्लास्टिक कें संग्रह करय कें जिम्मेदारी ओकर हेतय. एहन नहि करय पर आयोजक कें खिलाफ पर्यावरण कानून कें तहत कार्यवाही केल जा सकय छै.

  • रोजइना पैदा होय छै 15 हजार टन प्लास्टिक कचरा.
  • नौ हजार टन एकत्र कैल जाय छै तथा ओकरा प्रोसेस कैल जाय छै.
  • छह हजार यन बिखरल रहय छै.

बायोमेडिकल कचरा प्रबंधन नियम , 2016 कें मुख्य बात

  • मानवीय एवं पशु कें शारीरिक अपशिष्ट , उपचार एवं अनुसंधान कें प्रक्रिया मे स्वास्थ्य देखभाल सुविधाक मे प्रयोग कैल जा रहल उपचार उपकरण जैना सुईया , सिरिंज आ अन्य सामग्रिक कें बायोमेडिकल कचरा कहल जाय छै.
  • इ कचरा अस्पतालक, नर्सिग हेम, पैथोलॉजिकल प्रयोगशालक, ब्लड बैंक आदी मे डायग्नोसिस , उपचार या टीकाकरण कें दौरान पैदा होय छै.
  • इ नया नियम कें उद्देश्य देश भरय कें 168869 स्वास्थ्य देखभाल सुविधाक (एचसीएफ) सं रोजइना पैदा हुअ वाला 484 टन बायोमेडिकल कचरा कें उचित प्रबंध करनाय छै.
  • नियम कें दायरा कें बढैल गेलय हाउ आ अस मे टीकाकरण शिविरक, रक्तदान शिविरक,शल्य चिकित्सा शिविरक या अन्य स्वास्थ्य देखभाल गतिविधि कें सें हों शामिल कैल गेल छै.
  • क्लोरीनयुक्त प्लास्टिक कि थैलियक, दस्ताना आ खून कें थैलियक कें दू साल कें भीतर चरणबद्ध तरीका सं हटा देल जैत.
  • प्रयोगशाला कचराक ,सुक्ष्मजीवविज्ञानी कचराक खून कें नमूनाक आ खून कें थैलियक कें कीटाणुशोधन या ऑन साइट विसंक्रमण कें जरिये पहिले सं उपचार विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) या राष्ट्रीय एडस नियंत्रण संगठन (एनएसीओ) दूवारा निर्धारित तरीका सं कैल जतय.
  • जतेक स्वास्थ्य सेवा कर्मचारिक कें नियमित रूप सं प्रशिक्षण आ टीकाकरण देल जतय.
  • बायोमेडिकल कचरा राखय लेल थैलियक या कंटेनरक कें नष्ट करय कें लेल बार कोड प्रणाली बनैल जतय.
  • सेकेंडरी चैम्बर मे धारण समय कें लेल मानकक कें प्राप्त करय कें लेल मौजूद भट्टी आ दू वर्ष कें भीतर डायओक्सिन एवं फ्यूरन्स कें व्यवस्था.
  • कचरा कें अलग करय कें प्रक्रिया मे सुधार करय कें लेल बायोमेडिकल कचरा कें एखन मौजूदा 10 श्रेणिक कें जगह चायटा श्रेणिक मे ही बांटल जैयत.
  • प्राधिकरण कें सरल बनेवा कें प्रक्रिया कें तहत वाला अस्पतालक कें लेल ऑटोमेटिक ऑथराइजेशन कें अनुमति होयत. बिस्तर वाला स्वास्थ्य सेवा सुविधाक कें लेल प्राधिकरण कें वैधता सहमति आदेश कें वैधता कें समरूप कैल गेल छै.
  • नया नियम मे भट्टियक कें लेल मानक आ सख्त कैल गेल छै ताकी पर्यावरण मे प्रदूषक कें उत्सर्जन कें कम कैल जा सकय.
  • डाइ ऑक्सीन एवं फ्यूरन्स कें लेल उत्सर्जन सीमा निर्धारित कैल गेलय.
  • राज्य सरकारक आम बायो-मेडिकल कचरा उपचार एवं निपटान सुविधा बनावय कें लेल जमीन मुहैया करेतय.
  • अगर आम बायो-मेडिकल कचरा उपचार सुविधा पचहतर किलोमीटर कें दूरी पर उपलब्ध छै त कोनों ठेके दार ऑनसाइट ट्रीटमेंट या निपटान सुविधा नहि बनय तय.
  • आम बायो-मेडिकल कचरा उपचार एवं निपटान सुविधा कें संचालक को एचसीफ सं समय पर बायो- मेडिकल कचरा उठेवाक सुनिश्चित करय कें होयत आ एचसीएफ कें प्रशिक्षण आयोजित कर मे सहयोग देवयक कें होयत.

इ नियम मार्च 2016 मे अधिसूचित अन्य कचरा प्रबंधन नियमक कें अतिरिक्त छै.

अन्य अधिसूचित नियम

अन्य अधिसूचित नियम अइ प्रकार छै :-

  • प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियम 2016
  • इ कचरा प्रबंधन नियम,2016
  • कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स, 2016

स्नेत : पत्र सूचना कार्यालय

अंतिम बेर संशोधित : 6/14/2020



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