एड्स ((AIDS) ) एकटा लाइलाज मुदा बचाव योग्य बीमारी छै। एच.आई.वी (॥ढ्ढङ्क), ओ वायरस जइ कें कारण एड्स होएयत छै। असुरक्षित यौन संबंध (कंडोम कें बिना संभोग), अशुद्ध रक्त कें चढ़ाया जाना, दूषित सुइयक आ सिरिंज (जे अधिकतर ड्रग इंजेक्ट करएय कें लेल प्रयोग मे लैल जाएयत छै ) कें प्रयोग करनाय, आ कोनों संक्रिमत गर्भवती माँ सं ओ कं बच्चे कें गर्भावस्था मे, प्रसव कें समय या स्तनपान कराएयत संक्रमित करएयत छै।
एड्स ह्यूमन इम्युनो डेफिशियेन्सी वायरस (॥ढ्ढङ्क) कें कारण होएयत छै। जे शरीर कें सुरक्षा प्रणाली कें अन्य बीमारियक सं लडएय कें शक्ति कें क्षति पहुँवएयत छै।
एच.आई.वी संक्रिमत लोग प्राय: बीमारी कें कोनों सें हो उजागर हुए बिना सालक तइक जीतएय छै। ओ चाहे स्वस्थ देकएय या अनुभव करूें, मुदा ओ कोनों सें हो वायरस पास करएय सकएय छै।
एड्स, एच.आई.वी संक्र मण कें आखिरी चरण छै। एड्स ग्रस्त लोग कमजोर भ जा,यत छै क्याकि ओकर शरीर बीमारी सं लड़एय कें क्षमता खो चुक ल होएयत छै। वयस्कक मे, औसतन, संक्र मण कें 7 सं10 साल बाद एड्स कें विकास होएयत छै। युवाआक मे इ खासा तेज होएयत छै। एड्स ठीक भ सकएय छै ा मुदा नव दवाइयक एड्स ग्रस्त लोकनिक कें लंबे समय कें लेल स्वस्थ जीवन जीवा मे मदद करएयत छै।
अधिकतर मामलाक मे, एच.आई.वी असुरक्षित यौन संबंध कें द्वारा, जइ मे संक्र मित व्यक्ति कें वीर्य, योनिमार्ग कें द्रव्य पदार्थ या रक्त दोसर व्यक्ति केंदेह में जाएयत छै।
एच.आई.वी, एक स दोसर व्यक्ति तइक अनस्टेरेलाइज्ड सुइयों या सिरिंज (जे अधिकतर ड्रग देवएय कें लेल प्रयोग मे लैल गेल होय) दूषित सुइयक आ सिरिंज (जे अधिकतर ड्रग इंजेक्ट करएय कें लेल प्रयोग मे लैल जाएयत अछि।) कें प्रयोग करनाय, रेजर ब्लेडस, चाकू या अन्य औज़ार जे त्वचा मे चुभा कर घुसाएल जाएयत छै, या अशुद्ध रक्त चढ़ाएल जै सं फैलएयत छै। सभी रक्त ट्रान्सफ्यूजन्स् का एच.आई.वी कें लेल स्क्र ीनिंग कैल जैबाक चाहि। संक्रमिता लोगक कें छूअएय सं एच.आई.वी नहि फैलएयत छै। आलिंगन करनाय, हाथ मिलानाय, खाँसनाएय और छींकनाएय सं सें हो अइ रोग प्रसार नहि होएयत छै। च एच.आई.वी शौचकूपक, टेलीफोन, प्लेटेक, ग्लास, खै कें के बर्तन, बिस्तर कें चाइदर, तैरएय कें तालाब या सार्वजनिक गुसलखानों द्वारा नहि फैलएयत छै।
एच.आई.वी /एड्स मच्छरों या अन्य कीड़ाक-मकोड़ाक सं सें हों नहि फैलएयत छै।
सबटा लोग, बच्चाक समेत, एच.आई.वी /एड्स कें खतरा कें के दायरे मे छै। अइ खतरा कें कम करएय कें लेल हर एकटा कें अइ रोग कें जानकारी आ कंडोम तइक पहुँच आसान बनावएय कें आवश्यकता छै।
एच.आई.वी /एड्स सं ग्रसित बच्चाक आ किशोरक कें सामान्य शिशु रोग, जे घातक भ सकएयत छै, होय सं बचावा कें लेल निक पोषण, टीकाकरण आ नियमति स्वास्थ्य देखभाल कें आवश्यकता छै। यदि बच्चा संक ्रमित हैं, त ओकर माता या पिता कें संक्र मित होएय कें बहुत अधिक संभावना छै।
घर पर आकर देखभाल (होम केयर) करएय कें आवश्यकता पड़एय सकएय छै । ओय देशक मे जत एच.आई.वी संक्र मण दर उच्च अछि,बच्चाक कें संक्र मित भ जाने कें ही खतरा नहि होएयत। तथापि एच.आई.वी /एड्स कें कारण ओकर परिवारक आ समुदायक पर होएय वाला परिणामाणक कें भाव सें हो ओएय पर पड़एयत छै।
एच.आई.वी /एड्स सं प्रभावित परिवारक कें साथ राखएय कें प्रयास कैल जेबाक चाहि। अनाथ बच्चाक कें कोनों संस्था मे राखएय सं सें हों इ बच्चा जल्दी सं संभल जाएयत छै।
बहुत थोड़ेक युवाआक कें ओकर आवश्यकता कें मुताबिक उचित आ सही जानकारी प्राप्त होएयत छै। अइ सं पिहले कें स्कूल जै वाला बच्चाक यौन संबंध स्थापित करएय कें कार्य मे सक्रि य भ जाएयत ओकरा एच.आई.वी /एड्स कें बारे मे उचित जानकारी देनाएय आवश्यक छै अइ आयु मे देल गेल ऐहन जानकारी कें परिणाम इ होएयत छै कि ओ बहुत ही जल्द एकरा सीख क व्यवहार मे अपना लेएयत छै।
जे बच्चा संस्था मे, सड़कक पर, या रिफ्यूजी कैंपक मे रहएयत छै, ओकरा सें हो अन्य बच्चाक सं एच.आई.वी/एड्स कें संक्र मण कें खतरा होएयत छै। ओकरा सें हो सहारा दिअ जै आवश्यकता होएयत छै।
जे कोंनों कें एच.आई.वी/एड्स कें संक्र मण कें संदेह होय, ओकरा कोंनो स्वास्थ्य कर्मचारी या एच.आई.वी/एड्स केन्द्र मे जाकर गोपनीय काउंसिलिंग आ परीक्षण प्राप्त करबाक चाहि।
एच.आई.वी काउंसिलिंग आ परीक्षण एच.आई.वी संक्र मण कें जल्दी पता लगेनाएय आ जिनका संक्र मण भ चुकल छै, ओकरा उचित सहायता सेवाक देवएय मे, ओकरा यदि अन्य कोनों संक्र ामक बीमारी होएयत त ओकर उपचार मे मदद करएयत छै आ एच.आई.वी /एड्स कें संग कोनों प्रकार सं जीनाएय छै आ अन्य लोगक कें कोनों प्रकार अइ कें संक्र मण सं बचवएय छै , अइ बात कें ज्ञान प्राप्त करएयत छै।
काउंसिलिंग आ परीक्षण ओय लोगगक कें सें हो मदद करएयत छै जक रा संक्र मण नहि भेल छै आ ओकरा सुरक्षित यौन संबंध कें द्वारा असंक्रिमत रहएय कें बारे मे सिखाइल जाएयत छै।
यदि कोनों एच.आई.वी/एड्स कें परीक्षण कें परिणाम नकारात्मक आवाएयत छै, त एकर मतलब छै कि ओ व्यक्ति असंक्रमित छै या फेर अइ समय वायरस कें परीक्षण करनाएय जल्दबाजी कहलेतएय एच.आई.वी कें लेल कैल गेल रक्त परीक्षण पहिले छह महीनाक मे संक्र मण कें पहचान नहि पाऊं, इ संभव छै। एच.आई.वी कें कोनों सें हो संभाव्य संपर्क कें संदेह भेला पर इ परीक्षण छह महीने बाद फेर करा सकएयत छी। अइ प्रकार सं संक्रमित व्यक्ति वायरस कोनों सें हो फैला सकएयत छै, सेक्स कें दौरान कंडोम का प्रयोग करनाय या पेनिट्रेशन को टालना बहुत महत्वपूर्ण छै।
परिवार आ समुदायक कें एच.आई.वी/एड्स कें गोपनीय काउंसिलिंग, परीक्षण आ जानकारी कें माँग करबाक चाहि। जइ सं की वयस्कों आ बच्चक कें अइ कें संक्र मण सं बचावएय मे भेटतहि।
एच.आई.वी /एड्स ग्रस्त दंपति कें बच्चाक कें जन्म देवएय कें बोर मे सोच समइझ कं निर्णय लबेाक चाहि। यदि एकटा पार्टनर संक्र मित छै त गर्भधारणा कें प्रयास कें दौरान ओ दोसर कें सें हों संक्रिमत करय सकएय छै।
यदि युवा एच.आई.वी कें फैलाव कें माध्यमक कें बारे मे तथ्यक कें जाइन लिअ,सेक्स सं दूर रहूं, आ सेक्स कें दौरान कंडोम कें प्रयोग करूं त एच.आई.वी कें आनेवाली पीढ़ी मे फैलनाय सं रोकनाय संभव छै।
यौन संबंध द्वारा एच.आई.वी/एड्स कें संक्र मण का खतरा कम भ सकएयत छै, यदि लोग यौन संबंध नहि बनावएय, यौन संबंध स्थापित करएय वाला सहयोगियक कें संख्या कम करूं, यदि असंक्र मित पार्टनर ही आपस मे यौन संबंध स्थापित, या लोग सुरक्षित यौन संबंध स्थापित करएय। कंडोम कें सही आ निरंतर प्रयोग सं सें हो एड्स के संक्र मण कें फैलनाय सं रोइक क जीवन कें बचैल जा सकएय छै।
लुब्रिकेशन कें संग आवएय वाला कंडोम (स्लिपरी लिक्विड या जैल) कें फटएय कें कम आशंका होएयत छै। यदि कंडोम ठीक तरह सं लुब्रिकेटेड (चिकनाईयुक्त) नहि छै त , ‘वॉटर बेस्ड’ लुब्रिकेंट (चिकनाई), जैना सिलिकॉन या ग्लिसरीन, कें प्रयोग कैल जै सकएय छै यदि ऐहन लुब्रिकेंट उपलब्ध नहि छै त, लार (मुँह कें लार) कें प्रयोग कैल जै सकएय छै तेल या पेट्रोलियम सं बनल भेल लुब्रिकेंट (खेनाएय पकावएय कें तेल, मिनरल या बेबी ऑयल, पेट्रोलियम जैलियक जैना वैसलीन, बेसीतइर लोशन्स्) का प्रयोग कखनों नहि करबाक चाहि क्याकि इ कंडोम कें क्षति पहुंचवएयत छै । निक चिकनाई युक्त कंडोम गुदा-मैथुन कें दौरान बचावा कें लेल आवश्यक छै।
शिश्न प्रवेश रहित यौनिक्र या एच.आई.वी कें संक्र मण सं बचाव करएय एकटा आ सुरक्षित तरीका छै (यद्यपि इ भी सारे यौन जनित संक्र मण सं पूरी तरह बचाव नहि कयर पैतय)।
पुरुषक कें कंडोम का सुरक्षित विकल्प महिलाआक कें कंडोम छै। महिलाआक कें कंडोम एकदम मुलायम, लूज-फिटिंग (ढीला) पॉलीयूरेथिन ङिाल्ली होएयत छै जइ सं योनिमार्ग कें अंदर राखल जाएयत छै। एकर दूनू हीं सिराक मे मुलायम रिंग होएयत छै। बंद सिरा कें रिंग अइ साधन कें सेक्स कें समय योनि कें अंदर डाइल कं सही जगह पकइड़ कं रखएयत छै। अन्य रिंग युक्त सिरा योनि कें बाहर रहएयत छै आ लेबिया कें थोड़वे-सा ढइक देएयत छै।
अल्कोहोल पीना या मादक द्रव्य लेनाय एकर परिणाम कें प्रभावित करएयत छै। जे एड्स कें खतरा कें जानएयत छै ओ शायद अल्कोहोल पीवायक या कोनों सें हो मादक द्रव्य लेवएय कें बाद सुरिक्षत सेक्स कें महत्व भूइल सकएय छै।
लडकियक कें विशेष रूप सं एड्स कें संक्र मण कें खतरा होएयत छै आ ओकरा स्वयं कें अनचाहे आ असुरिक्षत यौन संबंध सं बचावा कें लेल सहारा कें आवश्यकता होएयत छै।
कतेंकों- देशक मे, किशोरी लड़कियक मे एच.आई.वी कें दर किशोर लडकाक सं बेसि छै। किशोरी लड़कियक मे एच.आई.वी संक्र मण कें खतरा बेसि छै क्याकि :
लड़कियक आ महिलाआक कें अनचाहे आ असुरिक्षत यौन सं इन्कार करएय कें अधिकार छै। माता-पिता आ शिक्षकक कें लड़क ाक एवं लड़कियक सं अइ मामले मे बात करबाक चाहि आ ओकरा लड़कियक आ महिलाओं कें अधिकाराक कें बारे मे जागरूक करबाक चाहि, लड़कियक कें समान समझनाय आ ओकर सम्मान करनाय, आ अनचाहा सेक्स कें मामलाक मे स्वयं कें मदद करएय मे ओकर सहायता करनाय, इ सब बातक सें हों लड़काक कें बतैवाक जै चाहि।
अइ बीमारी कें संक्र मण आ फैलाव सं कैना बचाव कैल जा सकएय छै अइ कें बारे में ओकरा सं बात करएय कं , साथ ही पुरु षक आ महिलाआक कें कंडोम कें प्रयोग कें सही तरीका बता कं, माता-पिता एवं शिक्षक एच.आई.वी/एड्स सं बचाव करएय कें लेल युवाआक कें मदद करएय सकएय छै।
युवाआक कें एच.आई.वी/एड्स कें खतरा कें बारे मे समझनाय आवश्यक छै। माता-पिता, शिक्षक, स्वास्थ्य कर्मचारी, अभिभावक या समुदाय कें जाने-माने व्यक्ति युवाआक कें मार्ग-दर्शन करएय सकएय छै इ लोग युवाआक कें एच.आई.वी /एड्स आ यौन जनित संक्र मण आ अनचाहे गर्भ कें बारे मे सतर्क करएय सकएय छै।
युवाआक कें संग यौन-विषयक मुद्दाक पर बातचीत करएय मे संकोच भ सकएय छै। स्कूली छात्रक अइ कें बारे मे बातचीत आरंभ करएय कें लेल इ पूछनाय काफी छै की ओकरा एच.आई.वी /एड्स कें बारे मे की सुनल छै। यदि ओकरा द्वारा बताएल गेल कोनों जानकारी गलत निकलय तं ओतय सं ओकरा सही बातक समझनाय कें अवसर ल लिअ। युवाआक सं बात करनाय आ ओकरा सुननाय बहुत ही आवश्यक छै। यदि अभिभावक वार्तालाप करएय मे संकोच कें अनुभव करएय तं ओ शिक्षक या अध्यापक सं, रिश्तेदार या कोनों ऐहन जइ सं संवेदनशील मुद्दाक पर बात कैल जै सकएयत होय या बच्चे कें ढंग सं समझानाय जेकरा आवएयत होय।
युवाआक कें बतायाल जैवाक चाहि की एच.आई.वी /एड्स कें कोनों टीका नहि छै आ इ एकटा लाइलाज बीमारी छै। ओकरा इ बतेनाय आवश्यक छै की अइ बीमारी सं बचाव ही केवल एकमात्र सुरक्षित रास्ता छै। युवाओं को सेक्स कें लेल इन्कार करनाय सें हो आवाक चाहि।
बच्चाक कें इ समझनाय कें आवश्यकता छै की जे बच्चा या वयस्क लोग एच.आई.वी से संक्र मित अछि ओकरा सामाजिक संपर्क रखैला सं ओ संक्र मित नहि हेोएयत।
एच.आई.वी /एड्स कें संग जीवएय वाला लोकनिक कें देखभाल आ मदद कें आवश्यकता होएयत छै युवा ओकरा सहानुभूति दं कं मदद कयर सकएयत छै।
एच.आईवी संक्रिमत गर्भवती माँ सं इ रोग ओकर गर्भस्थ बच्चाक कें या बच्चा कें जन्म कें समय या स्तनपान कें दौरान भ सकएय छै। गर्भवती माँ या नव माताक, जे एच.आई.वी सं संक्र मित छै, या ऐहन हुअ कें ओकरा संदेह छै, प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मचारी कें पास परीक्षण आ काउंसिलिंग कें लेल जेनाय चाहि।
एच.आई.वी संक्र मण गर्भवती माँ सं ओकर बच्चा तइक फैलएय सं रोकएय कें सबसे निक तरीका छै महिलाआक मे एच.आई.वी कें संक्रमण कें रोकल जै।
महिलाआक मे एच.आई.वी कें संक्र मण कें रोकएय कें लेल सुरक्षित सेक्स, कंडोम कें प्रयोग, आ यौन जनित संक्र मण कें जल्द पहचान होनाय आवश्यक छै। यदि कोनों महिला कें एच.आई.वी संक्र मित हुअ कें पता चइल जाएयत छै तं ओय कें भावनात्मक आधार आ अपन भविष्य कें बारे मे योजना बनेनाय मे मदद कें आवश्यकता छै। नागरिक समुदाय आ स्वयं सेवा संस्थाएक अइ बारे मे महिलाआक कें बहुत मदद कयर सकएयत छै।
गर्भवती महिलाआक कें निम्न बाताक कें पता होनाय आवश्यक छै की:
नव माताआक कें बच्चाक कें आहार देनाय आ संबंधित खतराक कें विकल्प मालूम होनाय आवश्यक छै। स्वास्थ्य कर्मचारी आहार देनाएय कें कोनों विकल्प बतावएय मे सहायक सिद्ध भ सकएय छै। जइ सं की नवजात बच्चाक कें एच.आई.वी मुक्त विकास कें खतरा बहुत कम भ सकएय छै।
एच.आई.वी संक्रिमत महिलाक जेकरा निक उपचार नहि भेटहि छै ओकर गर्भस्थ बच्चा कें एच.आई.वी कें साथ जन्म लेवएय कें खतरा 30 प्रतिशत या 3 मे सं 1 कें होय कें संभावना होएयत छै। ऐहन दू-तिहाई सं सें हों बेसि नवजात शिशु कें मृत्यु पांच साल कें आयु सं पहिले भं जै कें खतरा होएयत छै।
एच.आई.वी, अनस्टेरेलाइज्ड सुइयक या सिरिंज, जे बेसितर ड्रग देवएय कें लेल प्रयोग मे लैल गेल होय , ओएय सं फैलएयत छै। प्रयोग कैल गेल रेजर, चाकू या औज़ार जे त्वचा मे चुभ कं घूइस जाएयत अछि, एच.आई.वी कें खतरा कुछ हद तइक बना देएयत छै।
एकटा अनस्टेरेलाइज्ड सुई या सिरिंज एक सं दोसर व्यक्ति मे एच.आई.वी फैला सकएय छै। जखन तइक ओ पूरी तरह सं साफ नें कयर लेल जै तखन तइक कोनों वस्तु शरीर मे चुभेनाय नहि चाही। ओ लोग जे स्वयं कें मादक इंजेक्शन लगा लय छय या ऐहन इंजेक्शन लगावा वालाक कें संग सेक्स करएय छय हैं, त ओकरा एच.आई.वी कें खतरा भं सकएय छै। जे लोग मादक इंजेक्शन लवावें छय ओकरा हमेशा एकटा साफ सुई आ सिरिंज कें प्रयोग करबाक चाही। कखनों कोनों दोसर कें सुई प्रयोग मे नहि लाऊं। इंजेक्शन केवल प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मचारी कें द्वारा ही लगवावक चाही। जखन हर बच्चा या वयस्क टीकाकरण करवा रहल होंय त हरेक कें लेल अलग सुई होनाय आवश्यक छय।
ककरों सुई प्रयोग मे लेनाय, चाहे ओ परजिन ही क्या नहि होंय, एच.आई.वी या अन्य कोनों घातक संक्र मणशील बीमारी कें फैलनाय कें अवसर देनाएय छै। ककरों दोसर व्यक्ति कें लेल प्रयुक्त सुई आ सिरिंज प्रयोग नहि लेबाक चाही। माता-पिता के चाही की ओ वास्थ्य कर्मचारी सं हरेक कें लेल अलग सुई लेवएय लै कहयिों।अनस्टेरेलाइज्ड वस्तु सं चाहे ओ रेजर या चाकू ही क्या नहि हाये एच.आई.वी फैला सकएय छै। परिवार कें हर व्यक्ति कें लेल काटेनाएय कें साधन स्टेरेलाइज्ड होनाय आवश्यक छै, जैना ब्लीचिंग पाउडर मे धोनाय या उबलल भेल पाइन सं ओकरा धोनाय।
नवजात शिशु कें नाभी तंडिका काटएय कें लेल प्रयोग मे लै जै वाला साधन स्टेरेलाइज्ड होनाय आवश्यक छै। प्रसव कें समय प्लेसेंटा या खून जैना वस्तुअक कें छूएयत समय विशेष ध्यान रखैब जै चाही। सुरक्षात्मक दस्तानाक (लेटेक्स) यदि उपलब्ध होयं तं प्रयोग मे लेबाक जै चाही।
दाँतक कें उपचार कें लेल टैटू कें लेल, फेशियल मार्किंग कें लेल, कान छेदनाय कें लेल और एक्यूपंक्चर कें लेल प्रयोग मे लै जै वाला साधन स्टेरेलाइज्ड होनाय आवश्यक छै। जे व्यक्ति इ कार्य कयर रहल छै ओकरा अइ काज कें दौरान रक्त सं संपर्क नहि करबाक चाही।, ओ अइ बात कें विशेष ध्यान राखूं।
जे लोग यौन जनित संक्र मण सं ग्रस्त अछि ओकरा एच.आई.वी होय कें या आकेरा द्वारा फैलएय कें बेसि खतरा छै। यौन जनित संक्र मण सं ग्िरस्त लोकनिक कें चाही की ओ योग्य दवाइक लिअ या सुरिक्षत यौन संबंध स्थापित करूं। यौन जनित संक्र मण, ओ संक्र मण अछि जे शारीरिक संपर्क कें कारण आ शरीर कें द्रव पदार्थोक कें अदला-बदली सं (वीर्य, योनिमार्ग द्रव या रक्त) या जननांगक कें त्वचा कें संपर्कसं (विशेषकर ओय जगह पर फोड़ाक, ोनों तरह घाव या आ कोनों निशान जे यौन जनित संक्र मण कें कारण होएयत छै) सं फैलएयत छै।
यौन जनित संक्र मण गंभीर किस्म कें शारीरिक नुकसान पहुँचावएयत छै।
कोनों यौन जनित संक्र मण जैना गनोरिया या सिफलिस, एच.आई.वी कें फैलएय कें कारण बइन सकएय छै। यौन जनित संक्र मण सं ग्रस्त व्यक्ति यदि कोनों एच.आई.वी संक्रिमत व्यक्ति सं असुरिक्षत सेक्स संबंध स्थापित करएयत छै त ओएय मे एच.आई.वी कें संक्र मण कें खतरा 5 सं10 गुना बेसि होएयत छै।
यौन जनित संक्र मण कें जानने कें परंपरागत तरीका प्रयोगशाला परीक्षणक सं होएयत छै, तथापि, ये परीक्षण कखनों-कखनों बहुत ही महंगा या अनुपलब्ध होएयत छै।
1990 सं विश्व स्वास्थ्य संगठन नें यौन जनित संक्र मण सं ग्रस्त लोकनिक मे ओ ‘सिंड्रोमिक मैनेजमेंट’ करएय कें सिफारिश कैने छै। सिंड्रोमिक मैनेजमेंट की प्रमुख विशेषताक छै
फ्लो चार्ट कें उपयोग करएय सं सिंड्रोमिक दृष्टिकोण तुरंत पहुँच आ मूल्य-प्रभावित आ दक्षतापूर्ण उपचार देएयत छै।
स्त्रोत : यूनीसेफ
अंतिम बेर संशोधित : 6/14/2020