प्रत्येक वर्ष 1.7 मिलियन बच्चाक ओय बीमारियक कें कारण मइर जाएयत छै जेकरा उपलब्ध टीकाक सं रोकल जा सकएयत अछि. जे बच्चा टीकाकृत अछि ओ ओय खतरनाक बीमारियक सं सुरक्षित होएयत छै, जे अक्सर अक्षमता या मृत्यु कें कारण बनएयत छै .सबटा बच्चाक कें अइ सुरक्षा केंअधिकार छै.
प्रत्येक लड़की आ लड़क ाक कें टीकाकृत होवय कें जरूरत होयत छै आ गर्भवती महिला कें खुद कें आ अपन शिशु कें टिटनेस सं बचावय कें लेल टीका लगवाय कें जरूरत होएयत छै. इ जाननाय सब माता-पिता कें लेल जरूरी छै कि क्याक, कखन, कतअ आ कतैक बेर बच्चाक कें टीका लगवानाय चाही. ओकरा इ सें हो जाननय कें आवश्यकता छै की बीमार बच्चाक या अक्षम या कुपोषण से पीड़ित बच्चक कें सें हो टीका लगवानाय सुरक्षित्होएयत छै.
टीकाकरण अनिवार्य छै. हरेक बच्च केंअपन शुरु आती पहिले वर्ष कें दौरान लगातार टीकाक लगवानेनाय कें आवश्यकता होएयत छै.
जीवन कें शुरु आत मे बच्चाक कें टीकाकरण करवानाय आवश्यक होएयत छै. कुकर खांसी सं होएय वाला आधा सं बेसि मौतक, एक-तिहाई पोलियो कें मामला आ खसरा सं होय वाला सब सं मौतक कें एक-चौथाई बच्चाक मे एक वर्ष कें भीतर ही भ जाएयत छै.
शिशुअक कें सबटा टीक ा लगवेनाय अति आवश्यक होएयत छै- अन्यथा भं सक एयत छै की टीका काज नहि करएय.
जीवन कें शुरु आत कें पहिले साल कें दौरान बच्चक कें सुरक्षित करएय कें लेल नीचा देल गेल चार्ट मे दिखाएल गेल टीक ाक लगवेनाय आवश्यक होएयत छै. टीकाकरण तखनअधिक प्रभावी होएयत छै, जखन ओय खास आयु या जितना संभव भ सकएय ओकर आसपास करवायाएल गेल होय.
यदि कोनों कारणवश कोनों बच्चा कें पहिले साल मे पूरा टीकाक नहिं लगवाएल गेल होय, त इ अत्यन्त महत्वपूर्ण छै की जतैक संभव भ सक एय, ओतएवे जल्दी विशेष राष्ट्रीय टीकाकरण दिवसक पर ओकर टीकाकरण करवाऊं.
किच्छू देशक मे पूरक टीक ाक कें खुराक जइ सं बुस्टर शॉट्स कहएयत छै.शुरु आती वर्ष कें बाद देल जाएयत छै इ शॉट्सक टीक ाक सं सुरक्षा कें और बेसि प्रभावी बनवएयत छै.
शिशु कें लेल टीकाकरण अवधि
जन्म कें समय- टीकाक जे देल जेवाक चाही: बीसीजी**, पोलिया आ कि चछू देशक मे हैपेटाइिटस बी कें टीकाक
6 सप्ताह कें हुअ पर जे टीकाक देल जेबाक चाही: डीपीटी**, पोलियो आ किच्छू देशक मे हैपेटाइिटस बी आ हिब कें टीक ाक
10 सप्ताह कें हुअ पर जे टीक ाक देवाक जाना चाही: डीपीटी, पोलियो आ किच्छू देशक मे हैपेटाइिटस बी आ हिब कें टीक ाक
14 सप्ताह कें हुअ पर जे टीके देवाक जाना चाही: डीपीटी, पोलियो आ किच्छू देशक मे हैपेटाइिटस बी आ हिब कें टीक ाक
9 महीने कें हुअ पर जे टीका जे देवाक जाना चाही: खसरा (विकिसत देशक मे 12-15 महीनाक कें बीच) आ किच्छू देशक मे पीलिया, गलसुआ (मम्प) आ हल्का खसरा कें टीकाक
राष्ट्रीय टीकाकरण अविध अलग-अलग देशक मे किच्छू आगू -पाछू भ सकएय छै.
बीसीजी कुष्ठ रोग आ टीबी कें किच्छू रूपक सं सुरक्षा प्रदान करएयत छै; डीपीटी डिफ्थेरिया, कुकर खांसी आ टिटनेस सं सुरक्षा प्रदान करएयत छै.
टीकाकरण विभिन्न गंभीर बीमारियाक सं सुरक्षा प्रदान करएयत छै जइ बच्चाक कें टीकाकरण नहि भेल होय ओ अत्यधिक बीमार भ सकएयत छै, स्थायी रूप संअक्षम या कुपोषित आ मइर सकएयत छै.
टीकाकरण बचपन कें सबस बेसि गंभीर बीमारियाक सं बच्चाक कें सुरक्षा प्रदान करएयत छै अक्षम बच्चाक समेत सबटा बच्चाक को टीकाकृत करवाएय कें जरूरत होएयत छै एकटा बच्चा जेकरा इंजेक्शन या दवा पिलाल गेल होय, टीकाकृत मानाल जाएयत छै. टीकाक बीमारियक कें खिलाफ बच्चक कें प्रतिरोधक क्षमता कें बढ़ावएयत छै. टीकाकरण केवल तेखन काज करएयत छै जखन ओ बीमारी कें हुअ सं पहिले देल गेल होय.
जे बच्चा टीकाकृत नहि होय, ओ खसरा, कुकर खांसी आ अन्य बीमारियाक सं ग्रसित भ सकएय छै आ जइ सं ओकर मृत्यु सें हों भ सकएय छै जे बच्चाक इ बीमारियक सं ग्रस्त होएयत छै ओ कमजोर भ जाएयत छै आ ओ नीक तरह वृद्धि नहि कयर पेततय या स्थायी रूप संअक्षम भं जाएयत छै अइ वजह सं कुपोषण आ अन्य बीमारी ओकरा मारयर सें हो सकएय छै.
सबटा बच्चाक कें खसरे कें खिलाफ टीकाकृत होय कें आवश्यकता होएयत छै जे कुपोषण, खराब मानिसक विकास आ सुनय आ देखएय मे दोष कें कारण होएयत छै. दू-तीन दिन या ओय सं बेसि दिन सं खांसी कें साथ नाक बहनाय आ आंखइक लाल होनाय, बुखार आ दाना खसरा कें लक्ष्णा खसरा मृत्यु कें कारण बइन सक,य छै.
सबटा स्थानाक पर सबटा बच्चाक कें पोलियो कें टीक ाक लगवेनाय कें आवश्यकता होएयत छै. अंगक कें मुलायम होनाय या हिलावय में अक्षम होनाय, पोलियो कें मुख्य लक्ष्ण छै. संक्र मित प्रति 200 बच्चाक मे एकटा जीवन भइर कें लेल अक्षम भ जाएयत छै.टिटनेस बैक्टरिया या जीवाणु कटअल भेल जगह पइर गंदगी के कारण बढ़एयत छै. ओ टिटनेस कें टीक ाक कें बिना खतरनाक साबित भ सकएयत छै.
गर्भावस्था सं पहिले या ओय कें दौरान टिटनेस टॉक्सिड कें कम सं कम दू खुराक नहि केवल महिला, बल्कि ओय नवजात शिशु के ओय के शुरु आती हफ्ता मे टिटनेस सं सुरक्षा प्रदान करएयत छै.
छह हफ्ताक का हुअ पर शिशु कें डीपीटी कें पहिली खुराक कें आवश्यकता होएयत छै जे टिटनेस कें प्रति प्रतिरोधक क्षमता कें बढ़वएयत छै.
ओय देशों मे जत कि हैपेटाइिटस बी एकटा समस्या छै, ओत प्रत्येक 100 मे सं 10 बच्चा अइ संक्र मण सं जीवन भर प्रभावित होएयत छै आ टीकाकृत नहि करवाएयक कें अवस्था मे पइग हुअ पर ओकरा लीवर कैंसर कें खतरा होएयत छै.
किच्छू देशक मे पीलिया बहुत सं बच्चाक कें जिंदगियक कें खतरे मे रखएयत छै. टीकाकरण अइ बीमारी कें रोक सकएयत छै.
बहुत सं देशक मे छोटे बच्चाक कें मारएय वाला हिमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी (हिब) निमोनिया कें कारण बइन सकएय छै. हिब जीवाणु बाल मेनिनजीटिज कें सें हो कारण भ सक एयत छै. इ जीवाणु बच्चाक मे खासकर पांच वर्ष सं कम उम्र कें बच्चाक कें लेल अत्यन्त खतरनाक होएयत छै. हिब टीकाकरण सं होय वाला मौतक कें रोइक सकएय छै.
मां कें दूध आ कोलेस्ट्रोम, गाढ़ा पीला दूध जे जन्म कें शुरु आती दिनक मे निकलएय छै,निमोनिया, हैजा आ अन्य बीमारियक सं सुरक्षा प्रदान कर,यत छै. जब तइक बच्चाक स्तनपान करएयत रहएयत छै तखन तइक ओ सुरक्षित रहएयत छै.
विटामिन ए रतौंधी आ संक्र मण कें खिलाफ बच्चाक कें मदद करएयत छै.विटामिन ए मां कें दूध, लीवर, मछली, दूध उत्पाद, किच्छू संतरी आ पीयर फलक आ सब्जियक आ किच्छू हरा पत्ताक वाला सब्जियक मे पैल जायएयत छै. जइ क्षेत्रक मे विटामिन ए कें कमी होएयत छै ओत छह महीना सं अधिक उम्र कें बच्चाक कें राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस कें दौरान या टीकाकृत भ जै पर विटामिन ए कें गोलियक या द्रव्य देवाक जै चाही. विटामिन ए खसराक कें इलाज मे सें हो महत्वपूर्ण भूमिका अदा करएयत छै.
कोनों बच्चा जे हल्का बीमार, अक्षम या कुपोषित होय, ओकर टीकाकरण करवाना सुरक्षित होएयत छै.
बच्चाक कें टीकाकृत करवाय कें लेल नहि लावय कें प्रमुख कारण होएयत छै कि जइ दिन टीकाकरण केवाक जै होनायएयत छै ओय दिन ओ बुखार, खांसी, सर्दी, हैजा या अन्य बीमारियक सं घिरे होएयत छै हालांकि, यदि बच्चा हल्का बीमार होय तं ओय सं टीकाकृत करवानाय सुरुक्षित होएयत छै.
कभी-कभी जे बच्चा अक्षम या कुपोषित होय ओकरा टीकाकरण नहि करवाय कें केल स्वास्थ्य कार्यकर्ता सं सलाह देएयत छै. इ सलाह गलत छै. अक्षम या कुपोषित बच्चाक कें टीकाकरण करवानाय सुरक्षित होएयत छै.
इंजेक्शन कें बाद बच्चा रो सक,यत छै या ओय बुखार, थोड़ा लालीपन या ओ कष्टकारी भ सकएयत छै. इ सामान्य होएयत छै. कनिक-कनिक अंतराल पर स्तनपान या बच्चा को प्रचुर मात्र मे द्रव्य या भोजन करवाएं. यदि बच्चा कें तेज बुखार होय, तं बच्चाक कें स्वास्थ्य केन्द्र लेकर जेबाक चाही.
क्याकि कुपोषित बच्चा कें लेल खसरा अत्यधिक खतरनाक भ सकता छै, ओकरा खसरा कें विरु द्ध टीकाकृत करवेनाय चाही, खासकर यदि कुपोषण कें स्थिति गंभीर होय.
सभी गर्भवती महिलाआक कें टिटनेस सं बच,य कें लेल टीकाकृत होनाय जरूरी हो,यत छै. यदि कोनों महिला सं किच्छू समय पहिले ही टीका लगवेनाया होय, तं सें हो ओ अतिरिक्त टिटनेस कें टीके कें सें हो आवश्यकता भ सकएयत छै. टिटनेस कें टीका लगवेनाय आ सलाह कें लेल स्वास्थ्य कार्यकर्ता सं बात कराबक चाही.
विश्व कें बहुत सं हिस्सा मे माँ अस्वच्छ परिस्थितियों मे बच्चाक कें जन्म देयएयत छै. इ मां आ बच्चाक दूनू कें टिटनेस कें खतरे मे डालय सकएय छै, इ नवजात शिशुअक कें मौतक कें मुख्य कारण होएयत छै.
यदि गर्भवती महिला टिटनेस सं टीकाकृत नहि छै , त टिटनेस कें बैक्टिरिया या विषाणु ओकर शरीर मे प्रवेश कर ओकर जीवन कें खतरे मे डाल सकएय छै.
टिटनेस बैक्टिरिया या विषाणु कटाल गेल गंदी जगह पर वृद्धि करएय छै. यदि नाभी सम्बन्धी कॉर्ड कें अंतिम सिरा कें गंदा चाकू सं काट, या ओकरा गंदा हाथ सं छुअल गेल होय त इ विषाणु वृद्धि कयर सकएय छै. कॉर्ड कें काटने कें कोनों तरह कें औजार कें सबसे पहिले साफ कयर आ फिर उबालनाय या आसग पर गर्म कयर ठंडा कैल जैबाक चाही. जन्म कें पहिले छह हफ्ताक कें लेल बच्चक कें नाभी सम्बन्धी कॉर्ड कें साफ रखनाय चाही.
सभी गर्भवती महिलाक कें निश्चिंत होय कें कें लेल टिटनेस कें टीके लगवाए या नहि इ लेवाक चाही इ मांआ नवजात शिशु दूनू कें रक्षा करएय छै.
टिटनेस कें विरु द्ध टीका लगवानाय गर्भवती महिला कें लेल सुरुक्षित होएयत छै ओंय अविध कें मुताबिक टीकाकरण करवेनाय चाही.
टिटनेस कें टीकाक लेवएय कें समय
प्रत्येक व्यक्ति कें टीका लगावएय कें लेल नई या उबलल भेल सुई आ सिरिंज सें हों इस्तेमाल होबाक चाहि. लोगक कें एकरा लेल जोर देवाक चाहि.
सुई या उपकरण जे नया या पूरी तरह साफ नहि होयं, जीवन कें खतरे मे डालएय वाला बीमारियों कें कारण भ सकएय छै. परिवार कें सदस्यक कें बीच सें हो एकटा ही सिरिंज आ सुई कें इस्तेमाल जीवन कें खतरे मे डालएय वाला बीमारिक कें फैला सक,य छै.
केवल नया आ साफ सुई आ सिरिंज सें हो इस्तेमाल मे लेबाक जै चाही.
जखन लोग भीड़-भाड़ वाला जगह मे होएयत छै तं बीमारी तेजी सं फैल सकएय छै. अत्यन्त सघन परिस्थितियों मे खासकर शरणार्थी या खतरनाक परिस्थितियों मे रहएय वाला सबटा बच्चाक कें जल्द से जल्द खासकर खसरे कें टीकाक लगवाएय कें चाहि.
आपातकालीन आ घर छोड़एय जैना स्थितियक मे अक्सर लोग संचारित बीमारियक कें फैलनाय कें बढ़ा देएयत छै. अही दूारे 12 वर्ष सं कम उम्र कें सबटा विस्थापित बच्चाक कें जल्द से जल्द टीकाकरण करवेनाय चाही, सम्पर्क आ प्रबंधन कें पहिले बिंदु, खासकर खसरा कें लेल.
आपातकाल मे टीकाकरण कें लेल इस्तेमाल कैं जै वाला सिरिंज स्वयं असक्रि य भ जाए यानी अपने आप जे एक बेर कें बाद काम नहि करूं.
खसरा तखन आ बेसि गंभीर होएयत छै, जखन बच्चा कुपोषण या अस्वच्छ परिस्थितियों मे रहय रहल होय.
चूंकि, खसरा बहुत तेजी सं फै लएयत छै, अही दूारे अइ सं पीड़ित बच्चा कें अन्य बच्चा सं अलग रखनाय आ प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता द्वारा जांचएय कें जरूरत होएयत छै.
खसरा गंभीर हैजा कें कारण भ सकएय छै खसरा सं टीकाकृत बच्चा हैजा कें रोक सकएयत छै.
यदि टीकाकरण कें श्रृंखला कोनों वजह सं टूट जाए त राष्ट्रीय निर्देशक कें मुताबिक ओकरा पूरा करएय कें लेल स्वास्थ्य कार्यकर्ता संसलाह-मशविरा करबाक चाही.
स्त्नोत : यूनीसेफ
अंतिम बेर संशोधित : 2/15/2020